स्टूडेंट्स वर्चुअल लाइब्रेरी से अपग्रेड कर रहे हैं अपनी नॉलेज
एजुकेशन के ऑनलाइन ट्रेंड के दौर में वर्चुअल लाइब्रेरी स्टूडेंटस के कॉन्सेप्ट बेहतर करने में मददगार साबित हो रही हैं। ऑनलाइन क्लासेज के बाद स्टूडेंट्स अपनी नॉलेज को ई-लाइब्रेरी के सहारे अपग्रेड कर रहे हैं। विभिन्न शिक्षण संस्थाएं भी स्टूडेंट्स को ई-लाइब्रेरी की उपयोगिता एवं लिंक से परिचित करवा रही हैं, ताकि बच्चे बेहतर नॉलेज प्राप्त कर सकें। ई-लाइब्रेरी में क्लास एक से लेकर पोस्टग्रेजुएट तक की विभिन्न स्ट्रीम की ई-बुक्स, वीडियोज तथा नोट्स अवेलेबल हैं।
गौरतलब है कि एमएचआरडी ने हाल ही में इस तरह के प्रयास शुरू किए हैं जो कि स्टूडेंट्स के लिए खासे उपयोगी सिद्ध हो रहे हैं। वर्चुअल लाइब्रेरी एक प्रकार की डिजीटल लाइब्रेरी है जो इंफॉर्मेशन को पोर्टल प्रदान करती है। इसमें इंटरनेट पर ई-रिसोर्सिंग साइट्स से आवश्यक जानकारी देख सकते हैं। इसमें एन्फिलिबेट सूचना केन्द्र महत्वपूर्ण साइट्स ई-पीजी पाठशाला, शोधगंगा, विद्वान, शोधसिंधु आदि का कलेक्शन करता है।
सभी के लिए ओपन है ई-लाइब्रेरी
यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी के चेयरपर्सन अंशु सुराणा का कहना है कि एमएचआरडी के बैनर तले आईआईटी खड़गपुर के स्टूडेंट्स की ओर से तैयार की गई नेशनल डिजीटल लाइब्रेरी ऑफ इंडिया में भी स्टूडेंट्स के लिए काफी महत्वपूर्ण जानकारियां एवं सिलेबस संबंधी लिटरेचर उपलब्ध है। यह ई-लाइब्रेरी सभी के लिए ऑपन है।
यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी के चेयरपर्सन अंशु सुराणा का कहना है कि एमएचआरडी के बैनर तले आईआईटी खड़गपुर के स्टूडेंट्स की ओर से तैयार की गई नेशनल डिजीटल लाइब्रेरी ऑफ इंडिया में भी स्टूडेंट्स के लिए काफी महत्वपूर्ण जानकारियां एवं सिलेबस संबंधी लिटरेचर उपलब्ध है। यह ई-लाइब्रेरी सभी के लिए ऑपन है।
स्वयं प्रभा की तर्ज पर ई-कंटेंट
पोद्दार ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन्स के चेयरमैन आनंद पोद्दार का कहना है कि स्वयं प्रभा की तर्ज पर हमने भी बच्चों के लिए ई-कंटेंट तैयार किया है जिसमें वीडियोज एवं लिटरेचर उपलब्ध हैं। कॉलेज की फैकल्टीज स्टूडेंट्स को अपनी नॉलेज को और बढ़ाने के लिए रेफपेंस बुक्स के बारे में बताते हैं, इसके साथ ही वे ई-लाइब्रेरी के रेफरेंस भी देते हैं। स्टूडेंट्स अपनी पसंद का ई-कंटेंट पढ़ सकते हैं।
पोद्दार ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन्स के चेयरमैन आनंद पोद्दार का कहना है कि स्वयं प्रभा की तर्ज पर हमने भी बच्चों के लिए ई-कंटेंट तैयार किया है जिसमें वीडियोज एवं लिटरेचर उपलब्ध हैं। कॉलेज की फैकल्टीज स्टूडेंट्स को अपनी नॉलेज को और बढ़ाने के लिए रेफपेंस बुक्स के बारे में बताते हैं, इसके साथ ही वे ई-लाइब्रेरी के रेफरेंस भी देते हैं। स्टूडेंट्स अपनी पसंद का ई-कंटेंट पढ़ सकते हैं।
बेहतर लिटरेचर एवं अपग्रेडेड नॉलेज
आनंद इंजीनियरिंग कॉलेज की चेयरपर्सन मोनिका मित्तल के अनुसार, स्टूडेंट्स को बेहतर लिटरेचर एवं अपग्रेडेड नॉलेज ई-लाइब्रेरी के सहारे मिल रही है। साथ ही इसे काफी आसानी से शेयर भी किया जा सकता है। लॉकडाउन आने वाले समय में ई-लर्निंग के लिए बड़े रास्ते खोलने जा रहा है।
आनंद इंजीनियरिंग कॉलेज की चेयरपर्सन मोनिका मित्तल के अनुसार, स्टूडेंट्स को बेहतर लिटरेचर एवं अपग्रेडेड नॉलेज ई-लाइब्रेरी के सहारे मिल रही है। साथ ही इसे काफी आसानी से शेयर भी किया जा सकता है। लॉकडाउन आने वाले समय में ई-लर्निंग के लिए बड़े रास्ते खोलने जा रहा है।
डेटा और बुक्स कैरी करना जरूरी नहीं
एसकेआईटी के डायरेक्टर जयपाल मील का कहना है कि ई-लाइब्रेरी निश्चित रूप से सभी स्टूडेंट्स के लिए एक बेहतर मंच साबित रही है। इसका सबसे बड़ा फायदा है कि स्टूडेंट्स को डेटा और बुक्स कैरी नहीं करनी पड़ती। अपनी लर्निंग को बेहतर बनाने के लिए ढेरो रेफरेंस भी अवेलेबल हैं।
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